KK PATHAK: बिहार के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने शिक्षकों को एक और फरमान जारी कर दिया है। जिससे से स्कूल में शिक्षकों में फिर से हड़कंप मचा हुआ है।
आपको बता दें की कुछ दिनों पहले के के पाठक ने यह फरमान जारी किया था के स्कूलों में बच्चों की उपस्तिथि की रिपोर्ट विभाग को सौंपे और जानकारी दे की स्कूलों में छात्रों की स्तिथि किया है।
छात्रों के कटे नाम
आपको याद होगा के के पाठक का वह फरमान जिसमें स्कूल को उपस्तिथि का आदेश दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग को जिलों से आंकड़ा प्राप्त हुआ कि 13 सितंबर तक 1 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन रद्द किया जा गया।
बताया यह भी गया कि इस आंकड़े में चार जिलों का जिक्र नहीं है ये आंकड़ा अभी और बढ़ेगा बताते चलें कि बीते दो सितंबर को के के पाठक ने जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया और 15 दिनों तक स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के नाम काटने के निर्देश दिए थे।
KK PATHAK: स्कूलों पर कैसा जा सकता है शिकंजा
वैसे स्कूल हैं जिन्होंने अभी तक अपने स्कूलों में पढ़नेवाले छात्रों की संख्या की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। ऐसे स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर विभाग ने शिक्षा पदाधिकारियों को यह सख्त हिदायत दी है कि, वह अविलंब ऐसे स्कूलों की जानकारी साझा करें जहां से छात्रों की उपस्थिति नियमित रूप से नहीं दी जा रही है।
इस वजह से हो सकती है कार्रवाई
राज्य के लगभग सभी जिलों में कई ऐसे स्कूल हैं जो यह जानकारी नहीं दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि सूबे में ऐसे 3,500 स्कूल हैं। ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि बच्चों की उपस्थिति न देने वाले स्कूलों की जानकारी का प्रतिवेदन भेजें।
आपको बता दें की 2 महीने पहले ही विभाग ने स्कूलों से पचास फीसदी से कम और इससे अधिक उपस्थिति वाले स्कूलों का विवरण मांगा हैं। और अभी तक कई ऐसे स्कूल हैं जो जो अपना विवरण जमा नहीं करा रहे हैं। ऐसे में इन स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
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