भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra Bihar) के तहत राहुल गांधी आज बिहार के पूर्णिया पहुंचे जहां उन्होंने 2024 इलेक्शन के लिए हुंकार भरी। उन्होंने देश के लिए सबसे अहम मुद्दा आर्थिक और सामाजिक न्याय की बात कही।
यह दूसरी बार है जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। पहली बार उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर किया था। और दूसरी बार फिर से इन्होंने मणिपुर से अपनी यात्रा प्रारंभ किया है।
Bharat Jodo Yatra Bihar: सामाजिक न्याय की करी बात
राहुल गांधी ने अपने भाषण में देश का एक्सरे करने के बारे में कहा। उन्होंने कहा 2023 में जो जातीय जनगणना हुई थी उसमें राजद और कांग्रेस का बहुत बड़ा हाथ था। नीतीश कुमार इस चीज से भाग रहे थे लेकिन राजद और कांग्रेस की पहल ने जातीय जनगणना करवाई।
बिहार के जातीय जनगणना से बहुत कुछ सामने आया है। उन्होंने पाया कि बिहार में एक तिहाई से ज्यादा लोगों की आय 6000 से नीचे हैं। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि बड़े-बड़े कंपनियां स्कूल अस्पताल में जो मालिक आना हक रखते हैं वह एक भी छोटी जाति के नहीं है।
ओबीसी दलित और पिछड़ा वर्ग पीछे क्यों
राहुल गांधी के भाषण में उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा। देश में 90 आईएएस अधिकारी हैं उनमें केवल तीन ही ओबीसी से आते हैं। उन्होंने कहा कि अगर पूरे आईएएस अधिकारी मिलकर कोई फैसला करना चाहे तो इन ओबीसी आईएएस अधिकारियों को केवल पांच प्रतिशत ही अपना डिसीजन देने का अधिकार है।
राहुल का कहना था कि वह देश का एक-रे इसलिए करवाना चाहते हैं ताकि सर का सारा सच जनता के सामने आ जाए। उन्होंने भाजपा के बारे में कहा के बीजेपी इन सब चीजों से डरती है वह नहीं चाहती की जनता को सच का पता चले। बीजेपी केवल और केवल अलग-अलग मुद्दों से जनता का ध्यान भटकने का काम करती है।
आर्थिक न्याय पर बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने आर्थिक न्याय पर भी जमकर भाषण दिया। उन्होंने 10 किलो के मखाने की माला के ऊपर आर्थिक के बात कही। उन्होंने कहा कि यह जो माल अभी आपके सामने है जिसे गरीब बिहार वासियों ने बनाया है उनकी कीमत विदेश में डेढ़ लाख रूपए है।
राहुल गांधी का यह मानना था के बिहार के किसानों को कम से कम 30,000 से ₹40,000 होना चाहिए था। किसानों के बारे में राहुल गांधी ने कहा की पूरा-पूरा दिन पानी में रहकर इस काम को करने वाले किसान को केवल ढाई सौ रुपए किलो के हिसाब से बेचना यह कहां का न्याय है।
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