EV Battery Plant: टाटा समूह (Tata Group) ने बुधवार 19 जुलाई 2023 को यूके में एक वैश्विक 40 GW बैटरी सेल गीगा प्लांट स्थापित करने का ऐलान किया है। इस प्रोजेक्ट के लिए टाटा ग्रुप 5.2 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करेगा।
आपको बता दें कि यह प्रोजेक्ट ब्रिटेन के ऑटोमोबाइल सेक्टर में अभी तक के सबसे बड़े निवेश में शामिल है। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन का कहना है कि टाटा समूह अपने सभी कारोबारों के स्थायी भविष्य के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है।
2026 में शुरू होगा गीगाफैक्ट्री में प्रोडक्शन
टाटा समूह की इस फैक्ट्री में भारी संख्या में बैटरी का उत्पादन किया जाएगा। साल 2026 से इस फैक्ट्री में उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।
40GW बैटरी सेल गीगा फैक्ट्री Discovery, Range Rover, Jaguar और Defender ब्रांड्स के साथ-साथ जेएलआर के फ्यूचर के बैटरी इलेक्ट्रिक मॉडल की सप्लाई करेगा।
यह फैक्ट्री दूसरे कार निर्माताओं को भी बैटरी सप्लाई करेगा। टाटा समूह की यह फैक्ट्री मोबिलिटी और एनर्जी क्षेत्रों के लिए के लिए उच्च गुणवत्ता, उच्च प्रदर्शन, अच्छे बैटरी सेल्स का उत्पादन करेगी।
40 GWh की होगी इस प्लांट की कैपेसिटी
टाटा ने बताया है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल के इस नये बैटरी प्लांट की कैपेसिटी 40 GWh होगी। आपको बता दें कि ब्रिटेन को इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रोडक्शन की डिमांड को पूरा करने के लिए साल 2030 तक कुल 100GWh स्थानीय क्षमता की जरूरत है। हालांकि, यह साल 2040 तक बढ़कर 200 GWh हो जाएगी।
4,000 से भी अधिक जॉब्स पैदा होने की उम्मीद
टाटा समूह की यह गीगा फैक्ट्री यूरोप में सबसे बड़ी फ्रैक्ट्रीज की सूची में शुमार होगी। इस फैक्ट्री के ऐलान के बाद से ही अत्यधिक कुशल और सप्लाई चेन में 4,000 से अधिक रोजगार मिलने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने बताया गर्व का पल
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (PM Rishi Sunak) ने इस निवेश को देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए अविश्वसनीय रूप से गर्व का पल बताया है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि ब्रिटेन टाटा समूह के इस प्रोजेक्ट से जॉब्स के हजारों नए अवसर मिलेंगे।
उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि ब्रिटेन में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को भी इस प्लांट के जरिए बढ़ावा मिलेगा। यहां उत्पादन साल 2026 से शुरू होने वाला है। जिसके बाद लैंडरोवर, जगुआर और टाटा मोटर्स इस बैटरी सेल गीगा फैक्ट्री के प्रमुख ग्राहक होंगे।
EV Battery Plant: ब्रिटेन सरकार से मांगी मदद
आपको बता दें कि इस प्लांट को लगाने के लिए टाटा समूह ने ब्रिटेन से 50 करोड़ पाउंड की सरकारी मदद की मांग की है। इसमें समरसेट कारखाने के हाई-एनर्जी उपयोग के लिए सब्सिडी, साइट पर सड़क सुधार और वाहन बदलाव कोष से एकमुश्त अनुदान शुमार हैं।
हालांकि, ब्रिटेन सरकार का कहना है कि टाटा समूह को सरकारी मदद का वर्णन निरंतर पारदर्शिता आंकड़ों के हिस्से के तौर पर सही समय आने पर जारी कर दिया जाएगा।
कहां बनेगा गीगाफैक्ट्री का यह प्लांट?
ब्लूमबर्ग ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि गीगाफैक्ट्री का निर्माण ने समरसेट में ब्रिजवाटर के आसपास किया जा सकता है।
लेकिन, टाटा ने अभी तक आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं की है। आपको बता दें कि यह जगह हिस्टोरिकल तौर पर रिवियन, टेस्ला और जेएलआर सहित के साथ ही ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के बैटरी फैक्ट्री प्लांटों से जुड़ी हुई है।
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