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MGNREGA YOJNA: क्या आप जानते हैं मनरेगा योजना को विश्व बैंक ने क्या कहा? MGNREGA और NREGA में जानें अंतर!

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MGNREGA YOJNA: क्या आप जानते हैं मनरेगा योजना को विश्व बैंक ने क्या कहा? MGNREGA और NREGA में जानें अंतर!

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MGNREGA YOJNA

MGNREGA YOJNA: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है जिसके बारे में हर किसी के मन में अलग-अलग सवाल है। सभी जानना चाहते हैं की यह योजना क्या है।

मनरेगा योजना (MANREGA YOJNA)

इस योजना को कोई नरेगा कहता है तो कोई मनरेगा के नाम से भी इसे जानता है। आज इस पोस्ट में जानेंगे के कि नरेगा और मनरेगा योजना किसे कहते हैं। और इसकी शुरुआत कैसे हुई साथ ही किस राज्य में सबसे पहले किया गया।

नरेगा और मनरेगा योजना क्या है?

दोस्तों नरेगा और मनरेगा योजना दोनों एक ही है। आपको बता दें की साल 2009 से पहले तक मनरेगा को नरेगा यानी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नाम से जाना जाता था।

मनरेगा योजना कार्य

इस योजना को गाँधी जयंती पर 2 अक्टूबर 2009 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया। और नरेगा नाम बदलकर मनरेगा यानी “महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम” कर दिया गया। मनरेगा योजना विश्व की एकमात्र ऐसी योजना है जो नागरिकों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी देती है।

नरेगा योजना का उद्देश्य क्या है?

MANREGA
  • नरेगा योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आबादी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पास आजीविका का स्रोत होना चाहिए।
  • आजीविका को मजबूत करना और गरीबों को संसाधन प्रदान करना है।
  • नरेगा/मनरेगा का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्ग को भी सम्मिलित करना है।
  • NREGA योजना का उद्देश्य पूरे भारत में पंचायती राज प्रतिष्ठानों को मजबूत करना एवं सशख्त बनाना है।

हालांकि मनरेगा योजना के बारें में मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट https://nrega.nic.in पर पूरी जानकारी प्राप्त किया जा सकते है। सभी तथ्यों को एक के बाद एक करके समझा जा सकता है।

विश्व बैंक ने कहा “ग्रामीण विकास का तारकीय उदाहरण”

यह योजना पहली बार पी.व्ही. द्वारा 1991 में प्रस्तावित किया गया। भारतीय संसद द्वारा पारित 2 फरवरी 2006 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) की शुरुआत “प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी “ने इसकी शुरुआत आंध्र प्रदेश के अनंतपुर मैं की थी।

World Bank said about MGNREGA 2023

पहले चरण में इसे देश की 200 सबसे पिछड़े जिलों में लागू किया गया था। NREGA को 1 अप्रैल, 2008 से भारत के सभी जिलों में शामिल करने के लिए तैयार किया गया था। इस क़ानून को सरकार द्वारा “दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक कार्यक्रम” भी कहा जाता है। वार्षिक रिपोर्ट 2014 में विश्व बैंक ने इसे “ग्रामीण विकास का तारकीय उदाहरण” कहा।

योजना शुरू करने का कारण

“एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू किया गया था। जिसके लिए प्रत्येक परिवार के वयस्क सदस्यों को अकुशल मैनुअल काम करने के लिए स्वयंसेवा किया गया था।”

MGNREGA 100 DAYS

इस योजना का लाभ ग्रामीण 5 किलो मीटर के भीतर प्राप्त कर सकते हैं। इतना ही नहीं अगर 15 दिनों तक उसे काम नहीं मिलता है तो वे बेरोजगारी भत्ता पाने के हकदार है जिसे कानूनी तौर पर भत्ता पाने का अधिकार है।

इस योजना के तहत कौन-कौन से काम और कितने समय तक किए जाते हैं।

मनरेगा में कई प्रकार के कार्य किए जाते हैं। इसमें मुख्य रूप से मजदूरों को आवास निर्माण, जल संरक्षण, बागवानी, गौशाला निर्माण, वृक्षारोपण, ग्रामीण संपर्क मार्ग निर्माण, जैसे कई प्रकार के कार्य इस योजना के अंतर्गत आते हैं। नीचे उदाहरण के तौर पर देखें।

  1. आवास निर्माण कार्य
  2. जल संरक्षण कार्य
  3. बागवानी कार्य
  4. गौशाला निर्माण कार्य
  5. वृक्षारोपण कार्य
  6. लघु सिंचाई कार्य
  7. ग्रामीण सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य
  8. चकबंध कार्य सहित और भी सरकार द्वारा पारित कार्य किया जाता है।

इस योजना के तहत मज़दूरों को 6 घंटे तक कार्य कराया जाता है। छः घंटे के भीतर खाने पीने की छुट्टी सहित आधे घंटे का आराम भी दिया जाता है। इस योजना के तहत आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने और ग्रामीण संपत्तियों को बनाने के अलावा, NREGA पर्यावरण की रक्षा, ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने, ग्रामीण शहरी प्रवास को कम करने और सामाजिक इक्विटी को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

मनरेगा में मजदूरी कितनी मिलती है?

मनरेगा योजना (MGNREGA YOJNA) के तहत मजदूरों को सरकारी दर के अनुसार भत्ता दिया जाता है जिसे सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। जिसे नीचे दिए गए लिस्ट से देखा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार अलग-अलग राज्यों में महंगाई को देखते हुए अलग-अलग दर निर्धारित है।

राज्य या संघ राज्य क्षेत्रमजदूरी दर
आंध्र प्रदेश237 रुपये
अरुणाचल प्रदेश205 रुपये
असम मे मनरेगा213 रुपये
बिहार मे मनरेगा 194 रुपये
छत्तीसगढ़190 रुपये
गोवा280 रुपये
गुजरात224 रुपये
हरियाणा309 रुपये
हिमाचल प्रदेश198 रुपये
जम्मू और कश्मीर204 रुपये
लद्दाख204 रुपये
झारखंड194 रुपये
कर्नाटक275 रुपये
केरल291 रुपये
मध्य प्रदेश190 रुपये
महाराष्ट्र238 रुपये
मणिपुर238 रुपये
मेघालय203 रुपये
मिजोरम225 रुपये
नागालैंड205 रुपये
उड़ीसा207 रुपये
पंजाब263 रुपये
राजस्थान220 रुपये
सिक्किम205 रुपये
तमिलनाडु256 रुपये
तेलंगाना237 रुपये
त्रिपुरा205 रुपये
उत्तर प्रदेश201 रुपये
उत्तराखंड201 रुपये
पश्चिम बंगाल204 रुपये
अंडमान और निकोबार267 रुपये
दादरा और नगर हवेली258 रुपये
दमन और दीप227 रुपये
लक्ष्यदीप266 रुपये
अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र मे मनरेगा की मजदूरी248 रुपये
पांडुचेरी256 रुपये

MGNREGA Yojana की पात्रता मानदंड क्या है?

भारत का मूल निवासी होना आवश्यक है।
आवेदनकर्ता की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
आवेदक गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों से हो।
आवेदनकर्ता के पास BBL राशन कार्ड होना चाहिए।
आवेदक काम करने के लिए इच्छुक होना चाहिए।

मनरेगा योजना में कुल कितने पैसे मिलते हैं?

मनरेगा योजना के तहत भारत के सभी राज्य के अलग-अलग दर है। जिसकी पूरी लिस्ट भरोसा न्यूज़ के पोस्ट में मौजूद है। हालाँकि इस लिस्ट को मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट पर भी दरों की पूरी लिस्ट देखी जा सकती है।

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