Bihar Shiksha Vibhag: अक्टूबर से नवंबर के बीच हुए निरिक्षण के दौरान कई शिक्षकों को स्कूल से अनुपस्थित पाया गया। जिसके चलते उन्हें के के पाठक का फरमान नहीं मानना अब महंगा पड़ सकता है।
निरीक्षण के दौरान लगभग 58 शिक्षक बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाए गए हैं। इनमें कई शिक्षक ऐसे हैं जो लगातार 15 से 22 दिनों तक स्कूल से बिना सूचना के अनुपस्थित पाया गया है।
Bihar Shiksha Vibhag: शिक्षकों का रूका वेतन
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने सख्त रवैये को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं। पाठक को स्कूली मामले में लापरवाही बिल्कुल पसंद नहीं है। अपना काम सही से नहीं करने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई करते आए हैं।
इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर के 58 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है। आपको बता दें कि यह कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह ने की है। जिन शिक्षकों का वेतन रोका गया है, उन पर आरोप है कि वे बिना पूर्व सूचना दिए विद्यालय से अनुपस्थित थे। डीईओ ने इस संबंध में संबंधित डीडीओ, हेडमास्टरों और शिक्षकों को मंगलवार (21 नवंबर) को निर्देश जारी किए हैं।
यहाँ सबसे ज्यादा शिक्षक मिले अनुपस्थित
6 अक्टूबर से 4 नवंबर तक हुए इस निरिक्षण में सबसे अधिक शिक्षक मोतीपुर और मीनापुर में गायब मिले हैं। मोतीपुर में 15 शिक्षक बिना सूचना के स्कूल से गायब मिले। इनमें कई शिक्षक ऐसे हैं जो 9 अक्टूबर से तीन नवंबर तक लगातार बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए।
वहीं मीनापुर में 10 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित मिले। यहां भी कई शिक्षक ऐसे थे जो 9 अक्टूबर से 3 नवंबर तक स्कूल से बिना सूचना के अनुपस्थित मिले। इसके अलावा बंदरा में एक शिक्षक, साहेबगंज में 4 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित मिले हैं।
इसे भी पढ़ें>>>
नई शिक्षिका को गंवानी पड़ी नौकरी! शिक्षक बनते ही किया यह काम? और चली गई जॉब!