High Court Order: बिहार शिक्षा विभाग में इन दिनों के के पाठक के निर्देशों को निरस्त किया जा रहा है। या यूं कहें के के पाठक के साथ इस वक्त कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। ठंड से ठिठुरने वाली सकीना खातून और कुर्बान के ठंड लगने से मौत के चलते केके पाठक को कोर्ट से पहले ही परेशानी झेलनी पड़ रही है।
अब कोर्ट ने केके पाठक के द्वारा जारी एक निर्देश को निरस्त कर दिया है। आपको याद होगा नवंबर महीने के पहले सप्ताह में बीपीएससी पास होने वाली मधुबनी जिले के अंधराठाढ़ी प्रखंड की रखवारी पंचायत की शिक्षिका बबीता कुमारी उर्फ बबीता चौरसिया को बीपीएससी अध्यापक संघ का हिस्सा होना महंगा पड़ गया था।
नौकरी गंवानी पड़ी थी
बबीता कुमारी के सॉन्ग से जुड़ जाने के बाद उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। खान के इस बात का उल्टी मैटम के के पाठक ने पहले ही बता दिया था। उन्होंने कहा था शिक्षकों को केवल पढ़ाने का काम करना चाहिए। ना के किसी संघ के अध्यक्ष बनने की।
केके पाठक कैसे फरमान को ना मानने वाली बबीता कुमारी को नौकरी से हाथ धोना पड़ गया था। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव क्या-क्या पाठक ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया था। हालांकि कोर्ट ने उन्हें 1 महीने के भीतर दोबारा नौकरी देने का आदेश जारी कर दिया है।
High Court Order: कोर्ट से मिली राहत
लाल की बबीता कुमारी ने इसके लिए पटना हाई कोर्ट में अपील की थी। इस बारे में कोर्ट ने बबीता कुमारी के पक्ष में फैसला किया है। पटना हाई कोर्ट ने कहा, “भारत की संप्रभुता और अखंडता या सार्वजनिक व्यवस्था या नैतिकता के हितों के लिए हानिकारक ना हो तो सरकारी सेवक भी संघ बना सकते है इसीलिए BPSC TRE 1 में चयनित बबिता कुमारी को 1 माह के भीतर विद्यालय आवंटित करते हुए योगदान कराना सुनिश्चित करे”
यहां देखें कोर्ट ऑर्डर
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