Bihar Politics 2024: बिहार में एक बार फिर से सत्ता पलट देखने को मिल सकता है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों राजद सुप्रीमो से खफा चल रहे हैं। यही वजह है कि बिहार में अब सत्ता पलट होने में ज्यादा देर नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार रजत को छोड़कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। यही वजह है कि सभी पार्टियों अपने-अपने विधायकों के साथ बैठक करने में मशगूल हैं।
लेकिन इन सबों के बीच जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री बनने की खबर ने बिहार वासियों को चौंका दिया है। जी हां सोशल मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आरजेडी के तरफ से हम पार्टी के अध्यक्ष और 2020 में चार सीट अपने नाम करने वाले जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनने का सीधा ऑफर मिल गया है।
क्या मांझी बनेंगे बिहार में दूसरी बार मुख्यमंत्री?
जीतन राम मांझी को बिहार मैं दोबारा मुख्यमंत्री बनने का सुनहरा अवसर मिला है। शुक्रवार शाम से सोशल मीडिया पर इस बात ने धमाल मचाया हुआ है कि अब जीतन राम मांझी को बिहार में दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। इस खबर ने बिहार के सियासी गलियारों में हलचल मचा दिया है।
खबरों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए मैं दोबारा शामिल होकर एक बार फिर से मुख्यमंत्री का शपथ लेने की सोच रहे हैं। ऐसा इसलिए की इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार की नहीं चलने का सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। नीतीश कुमार की यह नाराजगी बिहार में एक बार फिर से सत्ता पलट कर सकता है।
Bihar Politics 2024: हम पार्टी ने दी प्रतिक्रिया
हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मीडिया चैनलों से बात करते हुए स्टैंड क्लियर कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर वो प्रधानमंत्री पद का भी उम्मीदवार दे दें तो हम उनके साथ कभी नहीं जाएंगे। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं और हमेशा रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि कुछ घंटे में बिहार में बड़ा बदलाव हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे लिए पद नहीं बल्कि बिहार का विकास मायने रखता है। हम एनडीए के साथ एकजुट हैं और हमारे विधायक भी एक साथ हैं।
हालांकि इस पर अभी भी हम प्रमुख जीतन राम मांझी का बयान आना अभी बाकी है। ऐसा माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी बिहार के दूसरे मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी प्रतिक्रिया जरूर देंगे। अगर ऐसा होता है तो नीतीश कुमार को बड़ा झटका लग सकता है।
किनके पास है कितनी सीट
बिहार विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या 243 है। 2020 के चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उसे 79 सीटें हासिल हुईं जबकि दूसरे स्थान पर बीजेपी रही जिसे 78 प्रत्याशियों को जीत मिली। तीसरे स्थान पर मौजूदा महागठबंधन की सहयोगी जेडीयू है जिसके 45 विधायक हैं।
सत्तारूढ़ गठबंधन के एक और घटक कांग्रेस के विधानसभा में 19 सदस्य हैं। माले के सदस्यों की संख्या 12 है। उधर, एनडीए के घटक हम के चार विधायक हैं। वामपंथी पार्टियों में सीपीआई के दो और सीपीएम के भी दो विधायक हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के एक विधायक हैं जबकि 2020 चुनाव में एक निर्दलीय प्रत्याशी को भी जीत हासिल हुई थी।
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