Manrega Yojna or MGNREGA Yojna क्या है? इस बारे में पूरी डिटेल समझिये! आपको बता दें कि गूगल पर लोगों द्वारा Manrega Yojna सर्च किया जाता है। जबकि हिंदी और अंग्रेजी में मनरेगा योजना को अलग अलग लिखा जाता है। कुछ लोग MGnrega को MNrega मनरेगा लिखते हैं। जो सही है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम ( मनरेगा/MNREGA ) भारत में एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे साल 2009 में अधिनियमित किया गया। 02 अक्टूबर 2009 को विधान सभा द्वारा पारित मनरेगा/MNREGA योजना को देश भर में लागू किया गया। जिसके तहत गरीबों मज़दूरों को इसका लाभ प्राप्त हो रहा है। आइए जानते हैं इसकी पूरी डिटेल!
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Manrega Yojna: मनरेगा का उद्देश्य क्या है?
मनरेगा को “एक वित्तीय वर्ष में कम से कम (100) सौ दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, जिसके लिए प्रत्येक परिवार के वयस्क सदस्यों को अकुशल मैनुअल काम करने के लिए स्वयं सेवा किया गया था।” इस योजना से लाखों परिवारों को 100 दिनों की रोजगार सुनिश्चित कराया गया।
मनरेगा के संस्थापक कौन थे।
यह अधिनियम पहली बार 1991 में तत्कालीन प्रधान मंत्री पीवी नरसिम्हा राव द्वारा प्रस्तावित किया गया था। अंततः काफी समय के बाद इसे संसद में स्वीकार कर लिया गया और भारत के 625 जिलों में इसका कार्यान्वयन भी शुरू हो गया।
इस पायलट अनुभव के आधार पर, 1 अप्रैल 2008 से नरेगा को भारत के सभी जिलों को कवर करने के लिए बढ़ाया गया था। आपको बता दें मनरेगा से पहले इस योजना को नरेगा के नाम से जाना जाता था।
Manrega Yojna: नरेगा और मनरेगा में अंतर
नरेगा और मनरेगा योजना दोनों एक ही है। दरअसल साल 2009 से पहले तक मनरेगा योजना को नरेगा यानी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नाम से जाना जाता था।
इस योजना को गाँधी जयंती पर 2 अक्टूबर 2009 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया। जिस के बाद इस योजना को मनरेगा के नाम से जाना जाने लगा।
मनरेगा योजना में काम कितने घंटे का किया जाता है।
महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत गर्मी के मौसम को देखते हुए श्रमिकों के लिए कार्य का समय सवेरे 6.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक विश्रामकाल को सम्मिलित करते हुए निर्धारित किया गया हैं।
इस अवधि के दौरान सवेरे 10.30 बजे से प्रात: 11 बजे तक भोजन-विश्राम का समय रहेगा। हालांकि इस समय सीमा में बदलाव की भी गुंजाईश है। और अलग अलग राज्यों में अलग अलग समय सीमा तय की जाती है।
मनरेगा में अलग-अलग राज्यों के मज़दूरी दर
मनरेगा योजना के तहत सबसे ज्यादा मजदूरी छत्तीसगढ़ में मिलती है और सबसे काम केरल में दी जाती है। इसकी पूरी लिस्ट नीचे देखि जा सकती है। हालाँकि इसकी पूरी जानकरी आधिकारिक वेबसाइट nrega.nic.in पर उपलब्ध है।
राज्य या संघ राज्य क्षेत्र | मजदूरी दर |
आंध्र प्रदेश | 237 रुपये |
अरुणाचल प्रदेश | 205 रुपये |
असम मे मनरेगा | 213 रुपये |
बिहार मे मनरेगा | 194 रुपये |
छत्तीसगढ़ | 190 रुपये |
गोवा | 280 रुपये |
गुजरात | 224 रुपये |
हरियाणा | 309 रुपये |
हिमाचल प्रदेश | 198 रुपये |
जम्मू और कश्मीर | 204 रुपये |
लद्दाख | 204 रुपये |
झारखंड | 194 रुपये |
कर्नाटक | 275 रुपये |
केरल | 291 रुपये |
मध्य प्रदेश | 190 रुपये |
महाराष्ट्र | 238 रुपये |
मणिपुर | 238 रुपये |
मेघालय | 203 रुपये |
मिजोरम | 225 रुपये |
नागालैंड | 205 रुपये |
उड़ीसा | 207 रुपये |
पंजाब | 263 रुपये |
राजस्थान | 220 रुपये |
सिक्किम | 205 रुपये |
तमिलनाडु | 256 रुपये |
तेलंगाना | 237 रुपये |
त्रिपुरा | 205 रुपये |
उत्तर प्रदेश | 201 रुपये |
उत्तराखंड | 201 रुपये |
पश्चिम बंगाल | 204 रुपये |
अंडमान और निकोबार | 267 रुपये |
दादरा और नगर हवेली | 258 रुपये |
दमन और दीप | 227 रुपये |
लक्ष्यदीप | 266 रुपये |
अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र मे मनरेगा की मजदूरी | 248 रुपये |
पांडुचेरी | 256 रुपये |
राज्य या संघ राज्य क्षेत्र | मजदूरी दर |
आंध्र प्रदेश | 237 रुपये |
अरुणाचल प्रदेश | 205 रुपये |
असम मे मनरेगा | 213 रुपये |
बिहार मे मनरेगा | 194 रुपये |
छत्तीसगढ़ | 190 रुपये |
गोवा | 280 रुपये |
गुजरात | 224 रुपये |
हरियाणा | 309 रुपये |
हिमाचल प्रदेश | 198 रुपये |
जम्मू और कश्मीर | 204 रुपये |
लद्दाख | 204 रुपये |
झारखंड | 194 रुपये |
कर्नाटक | 275 रुपये |
केरल | 291 रुपये |
मध्य प्रदेश | 190 रुपये |
महाराष्ट्र | 238 रुपये |
मणिपुर | 238 रुपये |
मेघालय | 203 रुपये |
मिजोरम | 225 रुपये |
नागालैंड | 205 रुपये |
उड़ीसा | 207 रुपये |
पंजाब | 263 रुपये |
राजस्थान | 220 रुपये |
सिक्किम | 205 रुपये |
तमिलनाडु | 256 रुपये |
तेलंगाना | 237 रुपये |
त्रिपुरा | 205 रुपये |
उत्तर प्रदेश | 201 रुपये |
उत्तराखंड | 201 रुपये |
पश्चिम बंगाल | 204 रुपये |
अंडमान और निकोबार | 267 रुपये |
दादरा और नगर हवेली | 258 रुपये |
दमन और दीप | 227 रुपये |
लक्ष्यदीप | 266 रुपये |
अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र मे मनरेगा की मजदूरी | 248 रुपये |
पांडुचेरी | 256 रुपये |
किस प्रधान मंत्री ने मनरेगा योजना की शुरुआत की?
भारतीय संसद द्वारा पारित 2 फरवरी 2006 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) की शुरुआत “प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और कांग्रेसी अध्यक्ष सोनिया गांधी “ने इसकी शुरुआत आंध्र प्रदेश के अनंतपुर मैं की थी। पहले चरण में इसे देश की 200 सबसे पिछड़े जिलों में लागू किया गया था।
मनरेगा योजना का पूरा नाम क्या है?
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 या, NREGA 42, बाद में इसे “महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, MGNREGA के नाम से बदल दिया गया)
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