Bihar Education: बिहार शिक्षा विभाग इस वक्त सबसे ज्यादा ट्रेंड में है। इसका कारण दो आईएएस ऑफिसर के बीच की तनातनी को माना जा रहा है। एक तरफ बिहार शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के पाठक हैं तो वहीं दूसरी तरफ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट!
बिहार में शीतलहर को लेकर बिहार के अलग-अलग जिलों में डीएम साहब ने 24 तारीख तक के लिए छुट्टी कर दी है तो कहीं 23 तारीख तक ही छुट्टी थी। लेकिन बहस का मुद्दा तब बन गया जब इस छुट्टी को शिक्षा विभाग के पर मुख्य सचिव के के पाठक ने खत्म करना चाहा।
Bihar Education: केके पाठक का फरमान
केके पाठक कई दिनों की छुट्टी के बाद 20 जनवरी को जब कोई दफ्तर लौटे तो उन्होंने पाया कि बिहार के कई जिलों में शेर लहर के चलते एक से आठ तक के बच्चों को छुट्टी दे दी गई है। यह बात अपर मुख्य सचिव केके पाठक को रास नहीं आई उन्होंने फौरन सभी जिला के उच्च अधिकारियों से जवाब मांग लिया।
उन्होंने कहा कि जितने भी स्कूलों में छुट्टी हुई है वह अपनी-अपनी छुट्टी को रद्द करके दोबारा स्कूल चालू करें और शिक्षा व्यवस्था को जारी रखें। इस बारे में पाठक ने प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र भी लिखा था।
कमिश्नर को लिखा था पत्र
राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त को लिखे पत्र में केके पाठक ने कहा था कि जिला दण्डाधिकारियों ने जिस तरह का आदेश धारा-144 में पारित किया है, उसमें केवल विद्यालयों को ही बन्द किया गया है। किन्तु अन्य संस्थानों का जिक्र नहीं किया गया है।
जिले के कोचिंग संस्थाओं, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें या व्यावसायिक संस्थानों इत्यादि की गतिविधियों या समयावधि को नियंत्रित नहीं किया गया। ऐसी स्थिति में संबंधित जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि ये कैसी सर्दी या शीतलहर है, जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थाओं में नहीं गिरती है।
डीएम साहब ने लिखा था पत्र!
पटना डीएम द्वारा जारी पत्र में कहा गया था कि धारा-144 के तहत पटना जिले के सभी निजी या सरकारी विद्यालयों (प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं कोचिंग सेन्टर सहित) में वर्ग-8 तक शैक्षणिक गतिविधियों पर लगाए गए प्रतिबंध को 23 जनवरी तक विस्तारित किया जाता है।
वर्ग-9 से ऊपर की कक्षाओं की शैक्षणिक गतिविधियां पूर्व के आदेश के अनुरूप पूर्वाह्न 09.00 से पूर्व एवं अपराह्न 03.30 बजे के पश्चात प्रतिबंधित रहेंगी। मिशन दक्ष तथा बोर्ड परीक्षा हेतु पर्याप्त सावधानी के साथ विशेष कक्षाओं का संचालन इससे मुक्त रहेगा। इस बार कोचिंग संस्थानों को भी बंद रखने का आदेश दिया गया था।
इसी आदेश पर पाठक भड़क गए और स्कूल बंद करने पर दंडाधिकारी से सवाल पूछ लिया जिससे केशव कुमार पाठक को धारा 144 पढ़ना का इशारा कर दिया।
दंडाधिकारी ने दिखा दिया पावर
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में कहा कि “कोल्ड डे के कारण बच्चों की सेहत विगड़ने की प्रबल संभावना है। ऐसे में एहतियात के तौर पर सीआरपीसी 1973 की धारा 144 में दी गई शक्तियों के तहत कक्षा 8 के स्कूलों को बंद रखने का न्यायिक आदेश जारी किया गया है।
इसमें न तो विभागीय आदेश लेने का प्रावधान है और न ही इसे किसी गैर-न्यायिक आदेश या पत्र से बदला जा सकता है। सिर्फ सक्षम न्यायालय ही आदेश की न्यायिक समीक्षा कर सकता है। इस प्रकार माध्यमिक शिक्षा निदेशक का पत्र विधि-विरुद्ध है। विभाग चाहे तो विधिक मंतव्य प्राप्त कर सकता है।
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