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OPS Bihar: बिहार में पुरानी पेंशन योजना का मिलेगा लाभ? जानें एनपीएस और ओपीएस में अंतर!

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OPS Bihar: बिहार में पुरानी पेंशन योजना का मिलेगा लाभ? जानें एनपीएस और ओपीएस में अंतर!

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OPS Bihar: लोकसभा चुनाव को देखते हुए बिहार सहित अब देशभर में पुरानी पेंशन स्कीम की मांग अब तेज होने लगी है। पांच राज्यों में लागू होने के बाद अलग-अलग राज्यों में भी इसकी मांग बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश बिहार में भी इसकी चर्चाएं अब शुरू हो गई।

कई सालों से बिहार और उत्तर प्रदेश में इसकी मांगे हो रही है। उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ ने इस बारे में पहले हिसाब से कहा था की अभी उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जा सकती है। वहीं बिहार में पुरानी पेंशन को लेकर बिहार सरकार ने चुप्पी साध रखी है।

OPS Bihar: बिहार में चर्चा शुरू

लोक सभा इलेक्शन 2024 को देखते हुए बिहार के नेताओं ने अब राजनीतिक शुरू कर दिया है। पुरानी पेंशन योजना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। विपक्ष में बैठे नेताओं ने इस बात को जमकर छेड़ा है। वह चाहते हैं कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए।

हालांकि बिहार में राज्यसभा इलेक्शन के समय तेजस्वी यादव ने भी इस बात को जोर से उठाया था कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। जबकि सत्ता में आने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस बात को अभी तक तरजीह नहीं दिया है। यही वजह है कि कर्मचारी अब पुरानी पेंशन योजना की मांग पर आ गए हैं।

नई पेंशन और पुरानी पेंशन में क्या है अंतर?

में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है। OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल है।

  • पुरानी पेंशन योजना एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, जिसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का दस प्रतिशत हिस्सा देना होता है और सरकार कर्मचारी के एनपीएस खाते में 14 फीसदी भाग डालती है।
  • नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14% का ही योगदान देती है।

20 लाख तक की ग्रेड्यूटी

  • पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20,00,000 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है। जबकि नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है। पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का फायदा भी रिटायर कर्मचारी को मिलता है।

6 महीने में मिलने वाला महंगाई भत्ता

  • नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है। नई पेंशन स्कीम National pension scheme में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (Dearness Allounc) लागू नहीं होता है। NPS के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
  • नई पेंशन स्कीम शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।
  • पुरानी पेंशन योजना के विपरीत नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।

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