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Manrega Yojna or MGNREGA Yojna 2023 क्या है? मनरेगा योजना कब और कैसे हुआ लागू? जानें पूरी डिटेल्स!

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Manrega Yojna or MGNREGA Yojna 2023 क्या है? मनरेगा योजना कब और कैसे हुआ लागू? जानें पूरी डिटेल्स!

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Manrega Yojna

Manrega Yojna or MGNREGA Yojna क्या है? इस बारे में पूरी डिटेल समझिये! आपको बता दें कि गूगल पर लोगों द्वारा Manrega Yojna सर्च किया जाता है। जबकि हिंदी और अंग्रेजी में मनरेगा योजना को अलग अलग लिखा जाता है। कुछ लोग MGnrega को MNrega मनरेगा लिखते हैं। जो सही है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम ( मनरेगा/MNREGA ) भारत में एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे साल 2009 में अधिनियमित किया गया। 02 अक्टूबर 2009 को विधान सभा द्वारा पारित मनरेगा/MNREGA योजना को देश भर में लागू किया गया। जिसके तहत गरीबों मज़दूरों को इसका लाभ प्राप्त हो रहा है। आइए जानते हैं इसकी पूरी डिटेल!

Manrega Yojna: मनरेगा का उद्देश्य क्या है?

मनरेगा को “एक वित्तीय वर्ष में कम से कम (100) सौ दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, जिसके लिए प्रत्येक परिवार के वयस्क सदस्यों को अकुशल मैनुअल काम करने के लिए स्वयं सेवा किया गया था।” इस योजना से लाखों परिवारों को 100 दिनों की रोजगार सुनिश्चित कराया गया।

मनरेगा के संस्थापक कौन थे।

यह अधिनियम पहली बार 1991 में तत्कालीन प्रधान मंत्री पीवी नरसिम्हा राव द्वारा प्रस्तावित किया गया था। अंततः काफी समय के बाद इसे संसद में स्वीकार कर लिया गया और भारत के 625 जिलों में इसका कार्यान्वयन भी शुरू हो गया।

इस पायलट अनुभव के आधार पर, 1 अप्रैल 2008 से नरेगा को भारत के सभी जिलों को कवर करने के लिए बढ़ाया गया था। आपको बता दें मनरेगा से पहले इस योजना को नरेगा के नाम से जाना जाता था।

Manrega Yojna: नरेगा और मनरेगा में अंतर

नरेगा और मनरेगा योजना दोनों एक ही है। दरअसल साल 2009 से पहले तक मनरेगा योजना को नरेगा यानी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नाम से जाना जाता था।

इस योजना को गाँधी जयंती पर 2 अक्टूबर 2009 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया। जिस के बाद इस योजना को मनरेगा के नाम से जाना जाने लगा।

मनरेगा योजना में काम कितने घंटे का किया जाता है।

महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत गर्मी के मौसम को देखते हुए श्रमिकों के लिए कार्य का समय सवेरे 6.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक विश्रामकाल को सम्मिलित करते हुए निर्धारित किया गया हैं

इस अवधि के दौरान सवेरे 10.30 बजे से प्रात: 11 बजे तक भोजन-विश्राम का समय रहेगा। हालांकि इस समय सीमा में बदलाव की भी गुंजाईश है। और अलग अलग राज्यों में अलग अलग समय सीमा तय की जाती है।

मनरेगा में अलग-अलग राज्यों के मज़दूरी दर

मनरेगा योजना के तहत सबसे ज्यादा मजदूरी छत्तीसगढ़ में मिलती है और सबसे काम केरल में दी जाती है। इसकी पूरी लिस्ट नीचे देखि जा सकती है। हालाँकि इसकी पूरी जानकरी आधिकारिक वेबसाइट nrega.nic.in पर उपलब्ध है।

राज्य या संघ राज्य क्षेत्रमजदूरी दर
आंध्र प्रदेश237 रुपये
अरुणाचल प्रदेश205 रुपये
असम मे मनरेगा213 रुपये
बिहार मे मनरेगा194 रुपये
छत्तीसगढ़190 रुपये
गोवा280 रुपये
गुजरात224 रुपये
हरियाणा309 रुपये
हिमाचल प्रदेश198 रुपये
जम्मू और कश्मीर204 रुपये
लद्दाख204 रुपये
झारखंड194 रुपये
कर्नाटक275 रुपये
केरल291 रुपये
मध्य प्रदेश190 रुपये
महाराष्ट्र238 रुपये
मणिपुर238 रुपये
मेघालय203 रुपये
मिजोरम225 रुपये
नागालैंड205 रुपये
उड़ीसा207 रुपये
पंजाब263 रुपये
राजस्थान220 रुपये
सिक्किम205 रुपये
तमिलनाडु256 रुपये
तेलंगाना237 रुपये
त्रिपुरा205 रुपये
उत्तर प्रदेश201 रुपये
उत्तराखंड201 रुपये
पश्चिम बंगाल204 रुपये
अंडमान और निकोबार267 रुपये
दादरा और नगर हवेली258 रुपये
दमन और दीप227 रुपये
लक्ष्यदीप266 रुपये
अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र मे मनरेगा की मजदूरी248 रुपये
पांडुचेरी256 रुपये
राज्य या संघ राज्य क्षेत्रमजदूरी दर
आंध्र प्रदेश237 रुपये
अरुणाचल प्रदेश205 रुपये
असम मे मनरेगा213 रुपये
बिहार मे मनरेगा194 रुपये
छत्तीसगढ़190 रुपये
गोवा280 रुपये
गुजरात224 रुपये
हरियाणा309 रुपये
हिमाचल प्रदेश198 रुपये
जम्मू और कश्मीर204 रुपये
लद्दाख204 रुपये
झारखंड194 रुपये
कर्नाटक275 रुपये
केरल291 रुपये
मध्य प्रदेश190 रुपये
महाराष्ट्र238 रुपये
मणिपुर238 रुपये
मेघालय203 रुपये
मिजोरम225 रुपये
नागालैंड205 रुपये
उड़ीसा207 रुपये
पंजाब263 रुपये
राजस्थान220 रुपये
सिक्किम205 रुपये
तमिलनाडु256 रुपये
तेलंगाना237 रुपये
त्रिपुरा205 रुपये
उत्तर प्रदेश201 रुपये
उत्तराखंड201 रुपये
पश्चिम बंगाल204 रुपये
अंडमान और निकोबार267 रुपये
दादरा और नगर हवेली258 रुपये
दमन और दीप227 रुपये
लक्ष्यदीप266 रुपये
अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र मे मनरेगा की मजदूरी248 रुपये
पांडुचेरी256 रुपये

किस प्रधान मंत्री ने मनरेगा योजना की शुरुआत की?

भारतीय संसद द्वारा पारित 2 फरवरी 2006 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) की शुरुआत “प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और कांग्रेसी अध्यक्ष सोनिया गांधी “ने इसकी शुरुआत आंध्र प्रदेश के अनंतपुर मैं की थी। पहले चरण में इसे देश की 200 सबसे पिछड़े जिलों में लागू किया गया था।

मनरेगा योजना का पूरा नाम क्या है?

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 या, NREGA 42, बाद में इसे “महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, MGNREGA के नाम से बदल दिया गया)

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